अधिकारियों ने कलाम बाल आश्रम में रह रहे बच्चो के साथ मनाया लोहडी पर्व |
महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा स्थानीय कलाम बाल आश्रम में रहे रहे बच्चों के साथ पवित्र पर्व लोहड़ी कार्यक्रम बडे हर्षोल्लास के साथ धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी कुमारी माधुर्या तरफदार ने की। इस लोहड़ी पर्व पर जिला कार्यक्रम अधिकारी सलोचना कुण्डू, बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष नरेन्द्र अत्री,जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुजाता मल्हान, जिला बाल कल्याण अधिकारी अनिल सिंगला, कार्यक्रम अधिकारी (बाल भवन) मलकीयत चहल,कलाम बाल आश्रम से प्रोबेशन अधिकारी प्रीति मलिक,काऊंसलर कलाम बाल आश्रम शिवानी चहल के अलावा अन्य स्टाफ सदस्य मौजूद रहे। आश्रम में रह रहे बच्चों द्वारा लोहड़ी के त्यौहार पर सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किये गए तथा बच्चों के साथ-साथ उपस्थित अधिकारियों द्वारा भी गिद्दा व बोलियां पाकर कार्यक्रम को अभिभूत व रोमांचित कर दिया गया।
मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी माधुर्या तरफदान ने बच्चों को लोहड़ी की शुभकामनाएं दी व उनके उज्जवल भविष्य की कामना की। उन्होंने बच्चों को लोहड़ी पर्व का महत्व भी बताया। सीएमजीजीए ने बच्चो को आत्मनिर्भर व सशक्त होने की प्रेरणा देते हुए कहा कि इस आश्रम का नाम हमारे महामहिम पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम के नाम से रखा गया है। हमें उनके नाम से प्रेरणा लेकर एक मजबूत, आत्मनिर्भर और समावेशी समाज का निर्माण करने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि डॉ. कलाम की तरह, समाज के हर एक व्यक्ति को दायरे से बाहर सोचना चाहिए और देश के बड़े हिस्से को प्रभावित करने वाली विभिन्न आर्थिक और सामाजिक चुनौतियों के समाधान करने की तरफ अपने कदम बढाने चाहिए। डॉ कलाम को एक सच्चा कर्मयोगी बताते हुए उन्होंने कहा कि हमंे डॉ. कलाम का जीवन एक शक्तिशाली संदेश देता है कि जब हमारे सामने कठिनाइयां और परेशानियां खडी हो जाती है, तब हमें बडे विवेक व सुझबूझ के साथ उनका सामना करते हुए समाधान निकालने के प्रयास करने चाहिए।
महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला कार्यक्रम अधिकारी सलोचना कुण्डू द्वारा बच्चों को लोहड़ी की शुभकामनाओं के साथ-साथ खाद्य सामग्री में मूंगफली,रेवड़ी, गज्जक,मिठाइयां व बच्चों के पंसदीदा स्नेक्स वितरित किए गए। उन्होंने बच्चांे को प्रेरित करते हुए कहा कि व्यक्ति के जीवन का सफर सुहाना जरुर होता है लेकिन इस सफर में कब समस्याओं का सामना करना पड जाए इसकी किसी को खबर नहीं होती है, ऐसे समय में कभी भी निराश नही होना चाहिए,ऐसे अवसरों पर अगर आप सफल हो जाते हैं तो दुसरो का नेतृत्व करते हैं और असफल होते है तो आप दूसरों का मार्ग दर्शन कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि इंसान का जीवन एक रंगमंच की तरह है, जहां हर एक पल हमें कई किरदार निभाने पड़ते हैं,जो सफल जीवन के लिए बेहद जरूरी होता है। कई बार हम ऐसी परिस्थितियों का सामना करते हैं जो हमारे जिंदगी में निराशावाद भर देता है। हमें नए जीवन की शुरुआत करने के लिए हम से कमजोर लोगों के उदाहरणों से प्रेरित रहना चहिए। इस अवसर पर जिला बाल संरक्षण अधिकारी सुजाता मल्हान ने कलाम बाल आश्रम में पंहुचे अधिकारी गणों का स्वागत किया और कार्यक्रम की रूपरेखा बताते हुए आश्रम के बारे मे विस्तार से जानकारी दी।